मिर्जापुर। विकासखंड कोन क्षेत्र के मवैया गांव में चकबंदी प्रक्रिया के विरोध में किसानों ने खेत में खड़ा होकर प्रदर्शन किया। चकबंदी प्रक्रिया में त्रुटि के चलते कभी भी किसानों में संघर्ष की स्थिति बन सकती है।
जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के मवैया गांव में सन् 1979 से चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है। किसानों ने बताया की सन 1999 में 60% किसानों को कब्जा परिवर्तन कराया गया था। किंतु चकबंदी प्रक्रिया में त्रुटि होने के कारण किसानों के विरोध के चलते चकबंदी प्रक्रिया स्थगित हो गई थी।
किसानों ने आरोप लगाया की 18 अप्रैल 2024 को चकबंदी प्रक्रिया पुनः प्रारंभ की गई। जिसमें मात्र 50% किसानों को 6क की नोटिस दी गई। तथा अब तक 6क का निस्तारण व 35 क का वितरण नही हुआ है।
वर्तमान नक्शा प्रमाणित नहीं है ।यहां तक की धारा 23 का भी निस्तारण नहीं हुआ। डबल और बचत खाते का सक्षम अधिकारी द्वारा निस्तारण नहीं हुआ है किसानों ने आरोप लगाया की चकबंदी कर्मी बिना तरमीमी नक्शा के पैमाइश और कब्जा परिवर्तन कराया जा रहा है जो सरासर गलत है।
किसानों ने चकबंदी अधिकारियों की मौके पर आकर किसानों की समस्याओं के निस्तारण बगैर अवैधानिक तरीके से चकबंदी प्रक्रिया चलाई जा रही है। बताया जाता है कि कुछ किसान चकबंदी प्रक्रिया के पक्ष में भी हैं। जिससे किसान आमने-सामने आ गए हैं।
इसमें यदि उच्च अधिकारी चकबंदी प्रक्रिया, चकबंदी त्रुटियों को निस्तारण कराए बिना प्रक्रिया चलती रही तो कभी भी किसान आपस में संघर्ष कर सकते हैं।
उक्त संबंध में चकबंदी विभाग के कानून गो राम दरस ने बताया की उच्च अधिकारियों के निर्देश के पश्चात चकबंदी प्रक्रिया चल रही है।
प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से सुधाकर सिंह, ब्रह्मदेव सिंह, दिनेश यादव, सतीश यादव, जालिम आदि के साथ सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।